tag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post6257412484607154445..comments2024-03-01T02:07:26.107-08:00Comments on व्यंजना: असहनीय सम्मान!Neeraj Badhwarhttp://www.blogger.com/profile/15197054505521601188noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post-87181012655879025082009-08-21T03:32:02.424-07:002009-08-21T03:32:02.424-07:00पोस्टकार्ड इधर री-डायरेक्ट कर दो.. :)पोस्टकार्ड इधर री-डायरेक्ट कर दो.. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post-62122827209803774302009-08-20T05:59:18.542-07:002009-08-20T05:59:18.542-07:00सौदा बुरा नहीं फिर आप भी अपनी गाडी के आगे एक नेम प...सौदा बुरा नहीं फिर आप भी अपनी गाडी के आगे एक नेम प्लेट टांग सकते है ..या फिर ब्लॉग की साइड में...कुछ लोग तो रौब खा ही जायेगेडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post-60159166071757168762009-08-20T05:41:39.474-07:002009-08-20T05:41:39.474-07:00पांच सौ रुपये में आचार्यपाद.... सौदा बुरा नहीं है....पांच सौ रुपये में आचार्यपाद.... सौदा बुरा नहीं है.......हाँ इसकी तफसीस जरूर कर लें कि कहीं ये रुपये गरम तवे पर पड़े पानी के पांच बूँद बन गायब न हो जाय....<br /><br />वैसे सम्मान के भूख की जो बात आपने कही ,वह व्यंग्य नहीं व्यंग्यात्मक लहजे में कही गयी सच्चाई है....<br /><br />बहुत बहुत आनंद आया पढ़कर....आभार आपका..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post-38303057315434140042009-08-20T05:38:12.029-07:002009-08-20T05:38:12.029-07:00भाई साहब आपने ज़ुर्म किया है घटिया लिखने का इसलिए ...भाई साहब आपने ज़ुर्म किया है घटिया लिखने का इसलिए आपसे बतौर ज़ुर्माना पांच सौ रुपये वसूले जा रहे हैं। क्योंकि आप घटिया लेखन से लोगों को हंसने पर मजबूर कर रहे हैं जिससे परोशानियों का महत्व कम हो रहा है। आदमी के जीवन से चिंतन शब्द हट रहा है और बिना चिंतन के विकास संभव नहीं है। पिछले बासठ साल से सरकारें चिंतन कर रही हैं और इस शब्द को जीवन चक्र से डिलीट करना चाहते हैं। आपसे तो करोड़ों की डिमांड करनी चाहिए थी।मधुकर राजपूतhttps://www.blogger.com/profile/18175900220847414275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post-12775781946904129882009-08-20T02:39:44.210-07:002009-08-20T02:39:44.210-07:00Chintaneey.
( Treasurer-S. T. )Chintaneey.<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">( Treasurer-S. </a><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">T. )</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6436633004265678085.post-91257489084007887012009-08-20T00:36:02.402-07:002009-08-20T00:36:02.402-07:00ये भी खूब रही :-)ये भी खूब रही :-)Anonymousnoreply@blogger.com