शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2008

सोने दो, सोना मत दो!

गहरी नींद में था कि अचानक कुछ बजने की आवाज़ आई। ये मोबाइल की आवाज़ थी। कम्बल हटाया, तकिये के नीचे देखा, बेड के साइड्स में भी चैक कर लिया,आवाज़ आ रही है, मगर मोबाइल का पता नहीं.. भयंकर नींद में हूं... दिल कर रहा है सो जाऊं, मगर....कोई ज़रूरी कॉल हुआ तो....
एक पल के लिए सोचता हूं। सोने से पहले कहां रखा था। तभी.....याद आता है रात को देर से घर आना हुआ, और मोबाइल पैंट में रह गया!
पैंट की तरफ लपकता हूं। वो उसी में था। ये नोएडा का नम्बर था। एक पल में हज़ार ख़्याल। नोएडा की कुछ कम्पनियों में मैंने अप्लाई किया था, वहीं से तो नहीं... दिल धड़कता है..माता रानी भला करना... फोन उठाता हूं और आवाज आती है ......झाबुआ के छेदीलाल ने जीता है एक किलो सोना....आप भी चाहें तो जीत सकते हैं एक किलो सोना...सोना ही सोना....इसके लिए आपको करना सिर्फ ये है......सिर दीवार में दे मारे। उसने तो नहीं कहा... लेकिन, दिल यही किया कि सिर दीवार में दे मारूं। इन कम्पनियों को मुझे सोना जीताने की तो फिक्र है, मेरे सोने की नहीं।
पहले इस तरह के सिर्फ अंट-शंट मैसिज आया करते थे। लोगो ने पढ़ने बंद कर दिये। अब ये कम्पनियां साधारण दिखने वालों नम्बरों से कॉल करती है। आप फ़ोन काटने का रिस्क नहीं ले सकते।
दोस्त बता रहा था कि उसका बॉस बड़ा खुंदकी है। तीन रिंग से ज़्यादा चली जाए तो उसे लगता है मैं चिढ़ाने के लिए फोन नहीं उठा रहा। इसी दहशत में लू में भी मुझे मोबाइल साथ ले जाना पड़ता है। कल ही मैं लू में था...अचानक मोबाइल बजा....समझ नहीं आया नम्बर कहां का है.... फोन उठाया तो दूसरी तरफ मोहतरमा बताने लगी...आप चाहे 'कहीं' भी हों....अब सुन सकते हैं लेटस्ट पंजाबी और हिंदी गाने....इसके लिए आप अपने......
हे ईश्वर! ......कहीं मतलब क्या ....बोलने से पहले कंफर्म तो कर लो.. सुनने वाला असल मे है कहां!

इस सबको लेकर एक आदमी कुछ ज़्यादा ही गुस्से में था। बता रहा था इन्ही फोन कॉल्स के चलते उसका तलाक होते-होते बचा है। मैंने पूछा- क्या हुआ? होना क्या है-कल घर पहुंचा, तो बीवी पूछने लगी आप 'साढ़े आठ मिनट' देर से आये हो, जान सकती हूं कहां थे 'इतनी देर'।
मैं समझाने लगा.. रेड लाइट में फंस गया। उसके बाद गाड़ी रिज़र्व में आ गयी, तो पैट्रोल भरवाने रूक गया। बीवी कंविंस नहीं हुई। मैं उसे बात समझा ही रहा था.....कि मोबाइल बज उठा। इससे पहले की मैं चेक करता, उसने मोबाइल छीन लिया, स्पीकर फोन ओन किया, मेरी तरफ घूरते हुए फोन पिक किया........दूसरी तरफ से आवाज़ आई.......क्या बात है दोस्त, रेखा और हेमा तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रही थी......सुना है तुम उन्हें अच्छे-अच्छे शेर सुना कर इम्प्रैस कर रहे हो......बीवी ने यहीं फोन काट दिया और मित्र, इसके बाद जो हुआ वो रहस्य ही रहे तो बेहतर होगा!

4 टिप्‍पणियां:

दीपक बरनवाल ने कहा…

bahut achchhe niraj jee

aap mobile ka no.dekhkar uthayiyega.

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत बढ़िया ..:)

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सही लिखा है यह बेमतल के फोन कई बार बहुत दुख देते है।बहुत बढिया लिखा है।

Abhishek Ojha ने कहा…

हा हा ! ये भी खूब रही. कंपनी के साथ-साथ ये भी तो आस लगी रहती है की किसी लड़की का फ़ोन हो :-) ऐसे कई आस हैं पर नींद के साथ ये भी टूटते हैं !