सोमवार, 18 अक्तूबर 2010

तू ही तो मेरा हॉर्न है!

दोस्तों, शौक ही नहीं इंसान जिज्ञासा भी कैपेसिटी के हिसाब से पालता है। आप उतने ही जिज्ञासु हो सकते हैं, जितना आपकी बुद्धि अफोर्ड करती है। यही जिज्ञासा आपको हर वक़्त बेचैन करती है। आप शोध-खोज में लग जाते हैं। मसलन, हॉकिंग्स लम्बे समय तक बेचैन रहे कि सृष्टि का निर्माण ईश्वर ने किया या भौतिकी ने। न्यूटन सेब को पेड़ से गिरता देख उसकी वजह जानने में लग गए। वैज्ञानिकों की पूरी टोली आज तक ये जानने में लगी है कि ब्लैक हॉल का निर्माण किन हालात में हुआ। मगर ये सब बड़े लोगों की जिज्ञासाएं हैं। 'मुफ्त धनिए’ के लिए बनिए से झगड़ने में ज़िंदगी गुज़ारने वाला आम आदमी ऐसी चुनौतियां मोल नहीं लेता।

उसकी ज़िंदगी और जिज्ञासाएं अलग होती हैं। अपनी ही बात करूं तो सालों से दिल्ली के ट्रैफिक में हिंदी और अंग्रेज़ी के सफर के बावजूद मैं नहीं जान पाया कि लोग हॉर्न क्यों बजाते हैं? वो कौनसे भूगर्भीय, समाजशास्त्रीय और मनोवैज्ञानिक कारण हैं, जो आदमी को हॉर्न बजाने पर मजबूर करते हैं। इन्हीं बातों से परेशान हो मैंने हॉर्नवादकों पर शोध करने का फैसला किया। यहां-वहां भटकने के बजाय मैंने मशहूर हॉर्नवादक दिल्ली के दल्लूपुरा निवासी आहत लाल से मिलना बेहतर समझा। इससे पहले कि आहत से हुई बातचीत का ब्यौरा पेश करूं....बता दूं कि छात्र जीवन से ही आहत को हॉर्न बजाने का खूब शौक था। शुरू में ये सिर्फ शौकिया तौर पर हॉर्न बजाते थे मगर कालांतर में मिली अटेंशन के चलते इन्होंने इस शौक को गंभीरता से लिया। लोकप्रियता का आलम ये है कि आज आसपास के सैंकड़ों गांवों से इन्हें शादियों में हॉर्न बजाने के लिए बुलाया जाता है। पिछले तीन सालों में देश-विदेश में हॉर्नवादन के चार हज़ार से ज्यादा कार्यक्रम दे चुके हैं। उभरते नौजवानों के लिए हॉर्न वादन की वर्कशॉप चलाते हैं। इनसे सीखे छात्र दल्लूपुरा घराने के हॉर्नवादक कहलाते हैं। इन्होंने तो सरकार से मांग तक की थी कि वूवूज़ेला की तर्ज़ पर कॉमनवेल्थ खेलों में ट्रैक्टर-ट्राली के किसी हॉर्न को पारंपरिक वाद्य यंत्र के रूप में शामिल किया जाए।


बहरहाल, बिना वक़्त गंवाए मैं बातचीत पेश करता हूं। आहत बताइए, आपकी नज़र में हॉ़र्न बजाने का सबसे बड़ा फायदा क्या है। देखिए, आज देश में जैसे हालात हैं उसमें आम आदमी के हाथ में अगर कुछ है, तो सिर्फ हॉर्न। नौजवान पचास जगह अप्लाई करते हैं, उन्हें नौकरी नहीं मिलती, दस लड़कियों को प्रपोज़ करते हैं मगर कोई हां नहीं कहती। ऐसे में यही नौजवान जब सड़क पर निकलता है तो हॉर्न बजा अपनी फ्रस्ट्रेशन निकालता है। किसी भी लंबी काली गाड़ी को देख यही सोचता है कि जिन कम्पनियों में उसे नौकरी नहीं मिली, हो न हो उन्हीं में से किसी एक का सीईओ इसमें होगा। बाइक के पीछे बैठी लड़की देख उसे चिढ़ होती है कि तमाम टेढ़े-बांके लौंडे लड़कियां घुमा रहे हैं और एक वही अकेला घूम रहा है। इसी सब खुंदक में वो और हॉर्न बजाता है। उसका मन हल्का होता है। आप ही बताइए अब ये हॉर्न न हो तो वो बेचारा नौकरी और छोकरी की फ्रस्ट्रेशन में सुसाइड नहीं कर लेगा?

हां, ये बात तो ठीक है मगर आजकल मोटरसाइकिल में जो ट्रक वाला हॉर्न लगावने लगे हैं, उसके पीछे क्या दर्शन है? देखिए, जो जितना कुंठित होगा, उसकी अभिव्यक्ति उतनी ही कर्कश होगी। इसके अलावा ध्यानाकर्षण की इच्छा भी एक वजह हो सकती है। हो सकता है उस बेचारे की बचपन से ख़्वाहिश रही हो कि जहां कहीं से गुजरूं, लोग पलट-पलट कर देखें। मगर उसे इसका कोई जायज़ तरीका न मिल पा रहा हो। अब हर कोई तो सिंगिंग या डांसिंग रिएल्टी शो में जा नहीं सकता। ऐसे में सिर्फ गंदा हॉर्न बजाने भर से किसी को अटेंशन मिल रहा है, तो क्या प्रॉब्लम है। जिस दौर में लोग पब्लिसिटी के लिए अपनी शादी तक का तमाशा बना देते हैं, वहां हॉर्न बजाना कौनसा अपराध है!

मैंने कहा-ये तो बड़ी वजहें हो गईं... इसके अलावा...आहत लाल-इसके अलावा छोटे-मोटे तात्कालिक कारण तो हमेशा बने रहते हैं। घर में बीवी से झगड़ा हो गया तो हॉर्न को बीवी की गर्दन समझ ऑफिस तक दबाते जाइए, ऑफिस पहुंचते-पहुंचते सारा गुस्सा छू हो जाएगा। ये समझना होगा कि ज़िंदगी के जिस-जिस मोड़ पर आप मजबूर हैं, वहां-वहां हॉर्न आपके साथ है। ऑफिस में रुके इनक्रीमेंट से लेकर कई दिनों से घर में रुकी सास तक का गुस्सा हॉर्न के ज़रिए निकाल सकते हैं। ज़माने भर का दबाया आदमी भी, हॉर्न दबा अपनी भड़ास निकाल सकता है और ये चूं भी नहीं करता, बावजूद इसके कि ये हॉर्न है! कहने वाले कहते होंगे कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त हैं मगर इंसान तो यही कहता है...तू ही तो मेरा हॉर्न है!

(नवभारत टाइम्स 18,अक्टूबर, 2010)

शनिवार, 2 अक्तूबर 2010

सुरेश कलमाडी को मेरी श्रद्धांजलि (भाग-2)

कलमाडी जैसे ही बापू की मूर्ति पर फूल चढ़ाने झुके...लाठी से धकेलते हुए आवाज़ आई...दूर हटो बेटा...वरना अहिंसा की कस्म टूट जाएगी!!!

बुरा न बोलने की सीख देने वाला गांधी जी का बंदर भी कलमाडी के किस्से सुनकर पेशंस खोने लगा है!!!!!

कलमाडी के करनामों से प्रभावित हो भारतीय डाक विभाग जल्द ही उन पर एक 'डाकू टिकट' जारी करने जा रहा है!

भारतीय शूटर निशाना लगा रहा था...तमाम भारतीय दर्शक सांसे थामें थे...दिल में बेचैनी..हथेलियों में पसीना...सभी के मन में एक ही दुआ...कुछ भी हो, जैसे भी हो, जो भी हो...बस...शूटर निशाना चूक जाए...वजह-निशाना उस सेब पर लगाना था, जो कलमाडी के सिर पर रखा गया था!!!!!

मुसीबत की घड़ी में सब कलमाडी का साथ छोड़ते जा रहे हैं...और क्या ये इत्तेफाक हैं कि खेल गांव में एक के बाद एक सांप निकल कर बाहर आ रहे हैं!!!

कलमाडी की इस पेशकश के बाद कि मुझे राम के चरणों में दो गज भी ज़मीन मिल जाए तो मैं खुद को वहां दफन कर लूं...सुना है तीनों पक्षों ने अपनी पूरी ज़मीन छोड़ने का ऐलान कर दिया है!!!

ए. सी. नीलसन के ताज़ा सर्वे के मुताबिक चुटकुला बनने में कलमाडी ने संता को पीछे छोड़ दिया है...हद ये है कि लोग अब संता को भी कलमाडी के जोक्स SMS करने लगे हैं!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

वन्य जीव संरक्षण कानून की धारा तीन 'बी' का हवाला देते हुए बीजेपी की वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार की दूसरी बहु मेनका गांधी ने धमकी दी है कि कलमाडी को अब किसी ने कुछ कहा तो उसकी खैर नहीं!!!!

पत्रकार-सर, अयोध्या पर आए फैसले से जुड़ी आपको सबसे अच्छी बात क्या लगी????कलमाडी-इसका छह दशक बाद आना...मुझे लगता है कि इतना वक़्त तो किसी भी फैसले में लगना ही चाहिए!!!

ख़बर-कलमाडी देख रहे हैं ओलंपिक करवाने का सपना...प्रतिक्रिया-वैसे तो सपना देखने का हक़, हर इंसान को है मगर दिक्कत ये है कि ये हक़ इंसान को है!!!!!!!!!!!!!!!!!!

तमाम गवाहों और सबूतों के देखने के बाद अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि सुरेश कलमाडी को फांसी पर लटका दिया जाए और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए विवादित ज़मीन पर उनका मकबरा बने!!!!!

किसी ने कलमाडी से पूछा....सर, कौन बनेगा करोड़पति...कलमाडी-मेरी बुआ का लड़का, खेलगांव की कैंटीन का ठेका उसी के पास है!!!

जल्द आ रहा फर्जीवाडे पर हिंदुस्तान का पहला REALITY SHOW...कलमाडी होंगे होस्ट...नाम है...क्यों बने रहें करोड़पति!!!!!!!!!!!!!!!!!

BREAKING NEWS...KALMADI'S POPULARITY HAS REACHED SUCH 'HEIGHTS' THAT EVEN ALIENS ARE NO LONGER ALIEN TO HIM!!!!.

फिरौती के मकसद से डाकुओं के कलमाडी को अगवा कर लिया...तीन दिन काल कोठरी में रखा...चौथे दिन कलमाडी ने बाहर आकर पूछा-क्या हुआ अब तक पैसे नहीं मिले क्या????डाकू-पैसे दो डबल मिले हैं...मगर तुम्हें छोड़ने के नहीं...न छोड़ने के!!!!

JAI HO के बाद इंग्लिश डिक्शनरी में शामिल किया जाने वाला अगला शब्द है... SURESH KALMADI और वो भी ADJECTIVE के तौर पर...घटिया के पर्यायवाची के रूप में!!!!

शिवराज पाटिल, मधु कोडा, राजा चौधरी, ललित मोदी, शिबु सोरेन, राहुल महाजन, संभावना सेठ, राखी सावंत और रामगोपाल वर्मा कल शाम छह बजे इंडिया गेट पर कलमाडी के समर्थन में कैंडिल मार्च निकालेंगे!!!

कलमाडी-तुम जो मेरे पीछे हाथ धो कर पड़े हो...ये तुम्हें बहुत महंगा पड़ेगा...कलमाडी भक्त-सर, मैंने कौनसे आपके टॉयलेट सोप से हाथ धोए हैं...जो महंगा पड़ेगा!!!

सर, लोगों ने आप पर इतने जोक मारे, आप भी उन पर कुछ जोक बनाइये...कलमाडी-बनाऊंगा, मगर थोड़ा रूककर...इतनी जल्दी मैं कुछ भी नहीं बनाता!!!!

अमिताभ के बाद कलमाडी के साथ डिनर के लिए भी छह लाख की बोली लगी है...फर्क इतना है कि अमिताभ के साथ डिनर के लिए आपको छह लाख देने पड़ेंगे जबकि कलमाडी के साथ डिनर के लिए आपको छह लाख दिए जाएंगे!!!
खेल 'गांव' पर सैंकडों करोड़ फूंक, हमने उन देशों को मुंहतोड़ जवाब दिया है जो कहते थे कि भारत अपने 'गांवों' की तरफ ध्यान नहीं देता!

एक अच्छी खबर है और एक बुरी...अच्छी ख़बर ये है कि कलमाडी को भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है...और बुरी ख़बर ये है कि उनकी जगह अब ललित मोदी लेंगे!!!!

BEST ONE LINER ON KALMADI HAS BEEN TOLD BY KALMADI HIMSELF...N THAT IS...."I AM
INNOCENT"!!!

पत्रकार-सुना है सर आपकी महेनत की वजह से ही जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम इतना खूबसूरत बन पाया....कलमाडी-कहा न...तमाम आरोपों का जवाब मैं 14 अक्टूबर के बाद दूंगा!!!!दोस्तों, बिना सवाल सुनें आजकल कलमाड़ी ऐसे ही जवाब देने के आदी हो गए हैं!!!!

मेरी आंखों को क्या हो गया है....KALINDI KUNJ भी पढ़ता हूं तो KALMADI KUNJ दिखाई देता है!
लोगों ने भी हद कर दी है...कलमाडी सुबह पार्क में RUNNING कर रहे थे...पीछे से किसी ने आवाज दी...कब तक भागोगे!!!

जिस देश में सड़क बनाने के लिए गेम्स होने का इंतज़ार किया जाता है ....विदेशी पूछ सकते हैं....क्या वहां नहाने के लिए भी अपनी शादी का इंतज़ार किया जाता है????

खाप 'पंचायत' का कहना है कि मामला चूंकि खेल 'गांव' से जुड़ी गड़बड़ियों का है इसलिए सज़ा भी OWNER KILLING होनी चाहिए!!!!!

कलमाडी ने सुसाइड की छह कोशिशे की..सातवीं से पहले आकाशवाणी हुई...तुम्हें ऊपर बुला कर हमने माहौल नहीं ख़राब करना...एनर्जी वेस्ट मत करो!!!

हूपर का कहना है कि उन्हें भारत की इज्ज़त से कोई मतलब नहीं है...ये इकलौता ऐसा मामला है जिस पर हूपर और कलमाडी की सोच मिलती है!!!!

KALMADI'S BLOOD GROUP....I AM NEGATIVE!!!!

कॉमनवेल्थ आयोजकों ने उन भारतीय खिलाड़ियों से माफी मांगी है जिन्हें विदेशी खिलाड़ियों के चलते साफ जगह पर रहना पड़ रहा है!!!

कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े तमाम विवादों के बीच कलमाडी इकलौते आदमी है जिन पर कोई विवाद नहीं है, उनकी बेइज्ज़ती होनी चाहिए...इस पर सब सहमत हैं!!!

LOCATION जानने के लिए कलमाडी ने मोबाइल का GPRS सिस्टम चैक किया...उसमें लिखा था...YOU ARE AT RECEIVING END!!!!

Writer-Director Aatish Kapadia ने साफ किया है कि उनकी आने वाली फिल्म 'खिचड़ी' का कॉमनवेल्थ खेलों की अव्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है!!!!

साल 20010...दो लड़के पार्क में बैठे बात कर रहे हैं...पहला- तुम रोज़ी-रोटी के लिए क्या करते हो...दूसरा-सुबह अख़बार बांटता हूं, फिर दस घंटे नौकरी करता हूं, शाम में ट्यूशन पढ़ाता हूं, रात में चौकीदारी करता हूं...मेरी छोड़ों, तुम अपनी बताओ, तुम्हें मैंने कभी कुछ करते देखा नहीं...पहला-यार, क्या बताऊं, आज से दो सौ पीढ़ी पहले... हमारे यहां एक 'सज्जन' हुए थे...वो इतना कमा गए कि हमें कुछ काम करने की ज़रूरत नहीं!!!

BREAKING NEWS...कलमाडी को ऐसे बैंक में खाता खुलवाना है, जिसकी नर्क में भी BRANCH हो!!!!!

कलमाडी के इस प्रस्ताव के बाद कि आप चाहें तो लंदन ओलंपिक में मेरे अनुभव का फायदा उठा सकते हैं, इंग्लैंड के राजकुमार ने सीधा प्रधानमंत्री को फोन लगाया और कहा...इसे समझा लो...वरना मेरा हाथ उठ जाएगा!!!!!

कलमाडी का कहना है कि मैं चोदह तारीख के बाद जवाब दूंगा....कोई उन्हें समझाए... ये मौका जवाब देने का नहीं....जान देने का है!!!

किसी ने कलमाडी से पूछा...सुना है सर आप खेलों के बाद ईमानदारी का जीवन बिताएंगे....कलमाडी भन्नाते हुए...पता नहीं स्साला...कौन मेरे बारे में उल्टी-सीधी अफवाहें फैला रहा है!!!!!!!!!!

खंडहर हो चुकी इमारत की तरफ इशारा करते हुए एक विदेशी टूरिस्ट ने पूछा ये MONUMENT किसने बनवाया...गाइड-सर, ये MONUMENT नहीं कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़ी इकलौती इमारत है, जो वक़्त पर पूरी हो गयी थी!!!!

BIRTHDAY PARTIES में जिस तरह बच्चे फंक्शन के बाद गुब्बारा घर ले जाने की ज़िद्द करते हैं उसी तरह कलमाडी की ज़िद्द है कि खेल ख़त्म होने के बाद 40 करोड़ का गुब्बारा उन्हें घर ले जाने दिया जाए!!!

कलमाडी का कहना है कि सरकारी गोदामों में रखे गेंहूं की तरह अगर सरकारी खज़ाने में रखे पैसे को वो वक़्त पर न खाते तो वो भी सड़ने लगता!!!!!!!!

पर्यटक रूठे, पुल टूटे, उम्मीदें मरी, मगर मच्छरों के अलावा एक चीज़ जो आख़िर तक ज़िंदा रही ....वो है DEADLINE!!!!!!!

आय से अधिक सम्पत्ति...ज़रूरत से कम शर्म....यही है कलमाडी का मर्म!!!!

(nirajbadhwar@gmail.com)