मंगलवार, 11 नवंबर 2008

जो दिल करे वो खाओ!

हर मोटे आदमी को ज़िंदगी में एक बार ज़रूर लगता है कि तोंद कम करने के लिए अफ़सोस के अलावा भी कुछ करना चाहिये। इसी अहसास के बाद जिम वाले से बात कर ली जाती है। खाने को लेकर बीवी को हिदायत दी जाती है, अलार्म लगा दिया जाता है।

सुबह अलार्म बजता है। दिल करता है अलार्म का गला घोंट दें। 15 मिनट बाद का अलार्म लगा आप फिर सोने लगते हैं कि बीवी उठ जाती है। अब आपकी खैर नहीं....चलिये उठिये... सैर पर नहीं जाना क्या? रात को तो बड़े-बड़े दावे कर सोये थे..... अब उठते क्यों नहीं? आपका दिल करता है कि अलार्म के साथ बीवी का भी.......।
खैर....भारी मन के साथ हल्के जूते पहन आप सैर के लिए निकलते हैं। घंटे बाद उत्साह से भरे आप घर लौटते हैं। इस उत्साह में सैर से मिला आनन्द कम, और जल्दी उठने की वीरता पर गुमान ज़्यादा है। आपके आफिस के सहतोंदू दोस्तों की अब खैर नहीं, जिनके सामने आप सुबह की सैर की महिमा गाने वाले हैं।
सैर करते अब आपको हफ्ता बीत चुका है। देशभर में फैले तमाम रिश्तेदार जान चुके हैं कि 'फलानां जी' सैर पर जा रहे हैं। ऐसा नहीं कि ये बात अखबार में छपी है बल्कि आप ही ने फोन पर किसी बहाने चिपकाई है।
सैर को अब दो हफ्ते बीत चुके हैं। ये जानने के लिए जोश में इंचीटेप उठाते हैं कि आख़िर 'कितना फर्क' पड़ा है। मगर ये क्या.... साढ़े चवालीस की साढ़े चवालीस। तमाम प्रपचों के बावजूद तोंद टस से मस नहीं हुई। आपको सदमा लगता है। दिल करता है कि कमरा अंदर से बंद करके तकिया मुंह में लेकर रोयें.....मगर आप ऐसा नहीं करेंगे। आप स्ट्रोंग आदमी है और आपकी तोंद भी इसकी गवाही दे रही है !

तय रूटीन के मुताबिक रात को दलिया पेश किया जाता है। मगर आप बीवी पर उखड़ते हैं। ये क्या बकवास है। मेरी डाइटिंग ने तुम्हें 'कुछ न करने' का बहाना दे दिया है। बीवी हैरान है क्या हो गया आपको ? वो पूछती हैं-बॉस ने कुछ कहा क्या ? आप आपा खोते हैं-तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया है, मैं दलिये की बात कर रहा हूं, तुम बॉस को बीच में ला रही हो। पहले प्यार में धोखा खाई युवती की तरह आप अंदर ही अंदर घुटते हैं मगर किसी को कुछ बताते नहीं?
अगले दिन फिर अलार्म बजता है। मगर आपकी टांग में दर्द है, जिसके बारे में टांग को भी पता नहीं, आप सैर पर नहीं जाते। अब ये टांग ठीक नहीं होगी। धीरे-धीरे सैर बंद हो गई। नाश्ते से दूध सेब गायब । दलिया पर तो दस दिन से पाबंदी है। अरसे बाद फिर से आलू के परांठे का आर्डर दिया जाता है। परांठा खा रहे हैं और खाते-खाते आप नया खाद्य दर्शन दे डालते हैं.......स्साला 60 साल परहेज़ कर तीन साल उम्र बढ़ाई भी तो क्या बढ़ाई ! जो दिल करे वो खाओ।

7 टिप्‍पणियां:

महुवा ने कहा…

मुझे पूरी उम्मीद है कम से कम ये पोस्ट तुमने अपनी बीवी को नहीं पढ़वाई होगी....

कुश ने कहा…

"पहले प्यार में धोखा खाई युवती की तरह आप अंदर ही अंदर घुटते हैं मगर किसी को कुछ बताते नहीं?"

शानदार लाइन है..

एक बार फिर आप मेरे मुख पर मुस्कान लाने में कामयाब रहे है

makrand ने कहा…

जो दिल करे वो खाओ।
regards

P.N. Subramanian ने कहा…

मस्त रहो.

राकेश जैन ने कहा…

sundar!!!!!

Udan Tashtari ने कहा…

अब हम क्या कहें..यह तो हमारी आत्म कथा चेंप कर वाहवाही लूटने वाली बात हुई..सही है..लूटे रहो.

बहुत उम्दा और यथार्थ चित्रण. अब चलता हूँ..पैर में दर्द है. :)

Fighter Jet ने कहा…

ha ha ha...mazaaa gaya..
:)