कभी-कभी मुझे लगता है कि भारत का होना जितना भारतीयों के लिए ज़रूरी है, उससे कहीं ज़्यादा पाकिस्तान सरकार के लिए। अगर भारत नहीं होता तो पाकिस्तान की सरकारें करतीं क्या? वहां के हुक्मरान और सेना के रिटायर्ड अफसर तो कुछ गैर-रचनात्मक न पा सुसाइड कर लेते। बिना पासपोर्ट भारत में घुसने को बेचैन सैंकड़ों-हज़ारों फिदायीन बेरोज़गारी का दंश झेलते।
भारत है तो पाकिस्तान के पास भी साज़िश रचने के लिए एक देश है, अपनी नाकामियों का ठीकरा फोड़ने के लिए एक सिर है। तभी तो रहमान मलिक साहब कहते हैं कि भारत सरकार पाकिस्तान में तबाही के लिए तालिबान की मदद कर रही है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ये इल्ज़ाम है या एसएमएस जोक। मैं गुज़ारिश करूंगा स्टार वन वालों से कि लॉफ्टर चैलेंज के सीज़न फाइव के लिए वो इस बार रहमान मलिक को स्टैंड अप कॉमेडियन के तौर पर पाकिस्तान से बुलाए।
मलिक साहब ने ये बात भले ही अपनी आवाम की आंखों में धूल झोंकने के लिए कही हो, मगर ऐसा कह उन्होंने भारत सरकार का कद यहां की जनता की नज़र में काफी ऊंचा कर दिया है। हम लोग तो अरसे से तरस रहे थे कि कभी हमारे बच्चे की भी कोई शिकायत लेकर आए। हमारी हालत तो उन बेबस मां-बाप की तरह थी जिनका बच्चा हर दिन यहां-वहां से मार खा कर आता और शिकायत करता। कभी ये कहना कि चीनी सैनिकों ने आज लद्दाख में घुसपैठ कर ली, पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर पर रॉकेट लांचर दाग दिया, कश्मीर में घुसपैठ करवा दी। अरे...वो कर रहा है तो तुम भी तो कुछ करो....तुमने क्या हाथों में करवा चौथ की मेहंदी लगवा रखी है। हम तो कब से यही चाहते थे हमारा रोंदलूं बच्चा भी किसी को एक-आध लगा कर आए। और आज जब मलिक साहब ये इल्ज़ाम लगा रहे हैं तो मैं बता नहीं सकता कि एक भारतवासी होने के नाते मुझे कितनी खुशी हो रही है।
मगर बावजूद इसके पाकिस्तान को भारत से शिकायत रहती है। आपकी नाकामियों का ‘सदाबहार कसूरवार’ बनने के अलावा हम आपको और क्या दे सकते हैं? यहां तक कि चैम्पियंस ट्रॉफी में आपकी टीम हारी तब भी किसी मंत्री ने कहा था कि इसके पीछे भारत के रसूखदार क्रिकेट बोर्ड का हाथ है! बिना ये सोचे कि उसी रसूखदार बोर्ड की टीम तो टूर्नामेंट के सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई थी...कहते हैं न अच्छा पड़ौसी वही है जो मुसीबत के वक़्त काम आए...आपकी वजह से हमारे यहां मुसीबत आती है और आपकी मुसीबत के वक़्त हम कसूरवार के रूप में आपके काम आते हैं। और क्या चाहिए आपको? तो रिश्ता पक्का समझें...दोस्ती का!
गुरुवार, 29 अक्तूबर 2009
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5 टिप्पणियां:
ab aap hi bataye aese padosi ka kya kiya jaye ise pados se hata bhi to nahi sakte naa
jyotishkishore.blogspot.com
ab aap hi bataye aese padosi ka kya kiya jaye ise pados se hata bhi to nahi sakte naa
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ये सही कहा आपने.. फुल्टू.. अपना बच्चा भी आज किसी को ठोंक कर आया.. ख़ुशी हुई
Jab maine pakistani sipahsalar ki yah ukti suni to mujhe bhi laga...kash yah sach hota...
Sahi kaha aapne hindustaan hai to pakistaan hai aur pakistaan hai isliye hindustaan ka yah haal hai...
घोर आशावादी है पाकिस्तान सरकार पानी पर कील ठोककर ही दम लेगी। अभी तो देखते जाओ कि कैसी कैसी शिकायतें से हमारा आंगन गुलज़ार होने वाला है। घोटाला पाकिस्तान में कसूरवार हिंदुस्तान में। बच्चा होगा पाकिस्तान में बाप मिलेगा हिंदुस्तान में। तो क्या हमारा बच्चा बड़ा हो रहा है। अल्लाह खैर। इन्हें तो क़ुफ्र का खौफ नहीं।
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