वक़्त आ गया है कि क्रिकेट की हार को हम क्रिकेटीय कारणों से आगे बढ़ कर देखें। बहुत हो चुका ये कहते-कहते कि हमारे गेंदबाज़ों की गति कुछ ब्लैक एंड व्हाइट हिंदी फिल्मों से भी धीमी है, फील्डिंग देश की कानून-व्यवस्था से भी लचर है और शॉर्ट पिच गेंदें देख बल्लेबाज़ों की तकनीक में शॉर्ट सर्किट हो जाता है। वक़्त आ गया है कि शोध करें कि कहीं इसके पीछे ज्योतिषय, खगोलिय या वास्तुशास्त्रीय कारण तो ज़िम्मेदार तो नहीं। जिन बल्लेबाज़ों को हम तेज़ गेंदबाज़ी न खेल पाने के लिए अरसे से कोस रहे हैं, ऐसा तो नहीं कि उनका शनि ठीक न चल रहा हो। पैदल गेंदबाज़ किसी ग्रह की वक्रीय चाल से बेहाल हों या फिर कैच छोड़ने वाला खिलाड़ी खुद किसी ग्रह की गिरफ्त में हो।
वक़्त आ गया है कि बीसीसीआइ सभी क्रिकेट खिलाड़ियों की कुंडलिया मंगवाए। पैसे को व्यर्थ बताने वाले कुछ बडे़ पंडितों को अनाप-शनाप पैसा दे हायर किया जाए। वो देखें कि गड़बड़ी कहां है। वास्तुशास्त्रियों से खिलाड़ियों के घर का मुआयना करवाया जाए। ये देखा जाए कि जो गेंदबाज़ फील्ड प्लेसमेंट के हिसाब से गेंद नहीं करता उसके घर में किन-किन सामानों की प्लेसमेंट ग़लत है। अंगदनुमा फुटवर्क के चलते पगबाधा होने वाले बल्लेबाज़ के रास्ते में, कही ग़लत जगह रखा उसका डब्ल बैड तो बाधा नहीं।
साथ ही बीसीसीआइ ये भी सुनिश्चित करे कि समस्याओं का जल्द निपटारा हो। खिलाड़ियों को झाड़ा लगवाने से लेकर उनके लिए बाज़ार में अच्छे नग तलाशने का काम वो खुद करे। खिलाड़ियों को ईस्ट फेसिंग मकान दिलवाएं। सत्यनारायण की कथा करवाए। कालसर्प योग कराए। जो कुछ हो सकता है वो करे। मुझे पक्का यकीन है कि ठीक नग पहन कर हमारे नगीने ठीक से खेलने लगेंगे। और आख़िर में विपक्षी खिलाड़ी बुरा खेलें इसके लिए किसी तांत्रिक की सेवाएं भी ली जा सकती है।
शुक्रवार, 14 मई 2010
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6 टिप्पणियां:
दोनों को सही लपेटा है नीरज भाई..
अंगदनुमा फुटवर्क " शायद हिंदी इतिहास का ये सबसे नया विशेषण होगा नीरज भाई . वैसे और भी कई कार्यक्रम क्रिकेट के उत्थान के लिए चलाये जा सकते हैं . मैं क्योंकि धार्मिक हूँ इसीलिए इस विषय पर तो बिलकुल सटीक टिपण्णी कर सकताहूँ
१. ज्यादा विकेट गिरने वाले खिलाडी के लिए - महामृत्युन्जय मन्त्र
२ कैच ना पकड़ पाने वाले के लिए - हनुमान जी की पूजा
३ जिनको एड इत्यादि ना मिलते हो - माता लक्ष्मी
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और अगर सारे ही फायदे एक साथ चाहिए तो निम्नलिखित देवी देवता ( सारे स्ट्रोंग हैं - आल इन वन )
पूज्य ललित मोदी , श्री श्री शरद पवार , श्री श्री प्रफुल्ल पटेल आदि आदि .
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अगर " तंत्र "क्रिया से सफलता चाहिए तो दुबई में कुछ दिन का अनुष्ठान दौऊद इब्राहीम भाई के घर पर .
आपका ब्लॉग पोस्ट और मेरी टिपण्णी क्योंकि धर्म से जुड़े थे इसीलिए भावुक होकर ज्यादा लिख दिया नीरज भाई .
अरे अरे नीरज भाई , मैं भी कैसा बुद्धू हूँ , अपनी भावुकता में आपकी पोस्ट की बड़ाई करना भूल गया . बहुत अच्छी सामयिक पोस्ट . अपने व्यस्त समय में से निकल कर लिखते रहना ताकि आपसे संवाद तो स्थापित तो रहे कम से कम .
अरे अरे नीरज भाई , मैं भी कैसा बुद्धू हूँ , अपनी भावुकता में आपकी पोस्ट की बड़ाई करना भूल गया . बहुत अच्छी सामयिक पोस्ट . अपने व्यस्त समय में से निकल कर लिखते रहना ताकि आपसे संवाद तो स्थापित तो रहे कम से कम .
हा हा हा हा....एकदम सही सुझाव दिया है आपने....
जीत का एक्शन प्लान दे दिया आपने तो। बढ़िया, बहुत ही बढ़िया!
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