बाबा अपने शिष्यों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते थे। संयम के मायने समझाते थे। उनका कहना था कि इस लोक में अगर सद्चरित्र रहे तो उस लोक में एक से बढ़कर एक सुख-सुविधाएं मिलेंगी। गुरू की इसी शिक्षा पर चलते हुए एक शिष्य ने कभी किसी को बुरी नज़र से नहीं देखा। हर किसी को बहन माना। हमेशा संयम रखा। यहां तक कि जीवनभर शादी भी नहीं की।
सारा जीवन वो इन्हीं आदर्शों पर चला और फिर एक दिन देह त्याग दी। कर्मों के आधार पर शिष्य को स्वर्ग में पार्क फेसिंग एमआइजी फ्लैट अलॉट हुआ, शॉफर ड्रिवन गाडी मिली। ये सब देख उसके मन में गुरू के प्रति आस्था और गहरी हो गई। उसी दिन शाम वो सैर पर निकला। दो कदम ही चला था कि क्या देखता है... जीवन भर चरित्र का उपदेश देने वाले उसके गुरू सोसायटी के ही पार्क में एक मशहूर अभिनेत्री के साथ रंगरलियां मना रहे हैं। ये देख शिष्य का खून खौल उठा। उसके पांव तले ज़मीन खिसक गई। वो चिल्लाया-ये क्या कर रहे हैं...शर्म नहीं आती आपको...जीवन भर मुझे नैतिकता का पाठ पढ़ाते रहे और यहां गुलछर्रे उड़ा रहे हैं। इससे पहले की वो कुछ और कहता, गुरू ने टोका-शांत वत्स शांत...आख़िर क्यों इतना भड़क रहे हो...मैंने तो हमेशा तुम्हें चरित्रवान होने की शिक्षा दी, संत बनने को कहा और यही समझाया कि ऐसा करोगे तो स्वर्ग में एक से बढ़कर एक अप्सराएं मिलेंगी। अब तुम ही बताओ मुझसे बड़ा संत भला कौन है और इन सितारा देवी से बड़ी अप्सरा कौन हुई हैं!
दोस्तों, ठीक इसी तरह आसपास अगर किसी बाबा के रंगरलियां मनाने की ख़बर आप सुनें, तो बुरा न मानें। दरअसल, ‘सब कुछ इंस्टैंट’ के इस ज़माने में दुआएं भी इंस्टैंट कबूल होने लगी हैं...सुबह बाबा ने दुआ मांगी और रात को कबूल हो गई! वैसे भी स्वर्ग-नर्क सब यहीं है!
सोमवार, 8 मार्च 2010
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7 टिप्पणियां:
sAar ko gahi rahe thotha dey udaye par rahiye, koi dikkat nahi....
बिलकुल सही कहा। इन संतों ने तो देश को बर्बाद करने का ठेका ले रखा है शायद। इनका बुरा खरा सब जायज़ है --- मगर बेवकूफ तो हम लोग हैं जो बिना सोचे समझे इन की बात मान लेते हैं धन्यवाद्
Fast forward. Technology ka zamana hei....
स्वर्ग नर्क की धारणाएं बनाई ही इसलिए गई हैं और बनाई भी हमने ही हैं।
ओह तो ये बात है.. और यहाँ मूर्ख लोग नित्य ही बाबाओ को गालिया दे रहे है..
सही कहा......
badhiyan hai...asal me ...baba log bhakto ko divya darshan karwa rahe hai swrag lok ka..taki shisya log ..aur mehnat kare aur baba logo ki sewa kare taki..shisya log bhi baba ki tarah swarg ja ke maje lut sake :)
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